हरी खाद अपनायें- मृदा उरर्वता बढ़ाऐं (Use green manure- increase soil fertility)
वर्तमान में फसल उत्पादन हेतु कितना ज्यादा कृत्रिम खाद का उपयोग किया जा रहा जिससे पैदावार तो ठीक हो रहा किन्तु इसके अँधा धुंध उपयोग से कई फसल का गुण भी परिवर्तन हो जा रहा है उदहारण के तौर पर जीराफूल धान को लेते है , रासायनिक खाद के उपयोग से इसका खुशबू कम हो जाता है, अब यहाँ ये समस्या आ गया की कैसे बिना गुण परिवर्तन के ज्यादा पैदावार ले, तो चलिए जानते है हरी खाद के बारे में , यह क्या है और कैसे बनाते है । मृदा उरर्वता बनाए रखने के लिये हरी फसलों को खेत में जोतना एक सामान्य एवं प्राचीन व्यवहार है। आज विश्व के अनेक भागों में इसका प्रयोग भूमि की भौतिक दशा सुधारने के लिये किया जाता है। “अविघटित हरे पादप अवशेषों या पौधौं को मृदा की भौतिक दशा सुधारने तथा मृदा उरर्वता बनाये रखने हेतु, मृदा में जोतना अथवा दबाना हरी खाद देना कहलाता है।” हरी खाद के लिये कुछ दलहनी व अदलहनी तथा हरी पत्तियों का उपयोग किया जाता है, लेकिन हरी खाद के लिये दलहनी फसलें अच्छी होती हैं क्योंकि दलहनी फसलों की जड़ों में गाठें होती है जिनमें एक विशेष प्रकार के जीवाणु रहते हैं जो वायुमण्डल की तत...